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writer Prabhu

History Of Gautam Buddha (गौतम बुद्ध का इतिहास)

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Writer Prabhu  History Of Gautam Buddha गौतम बुद्ध का इतिहास एजुकेशन इतिहास बौद्ध धर्म का इतिहास और महत्‍वपूर्ण तथ्‍य ईसाई और इस्‍लाम धर्म के बाद बौद्ध धर्म दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है. इसके प्रस्थापक महात्मा बुद्ध शाक्यमुनि (गौतम बुद्ध) थे. महात्‍मा बुद्धमहात्‍मा बुद्ध  बौद्ध धर्म भारत की श्रमण परम्परा से निकला धर्म और दर्शन है. इसके प्रस्थापक महात्मा बुद्ध शाक्यमुनि (गौतम बुद्ध) थे. वे 563 ईसा पूर्व से 483 ईसा पूर्व तक रहे. ईसाई और इस्लाम धर्म से पहले बौद्ध धर्म की उत्पत्ति हुई थी. दोनों धर्म के बाद यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है. इस धर्म को मानने वाले ज्यादातर चीन, जापान, कोरिया, थाईलैंड, कंबोडिया, श्रीलंका, नेपाल, भूटान और भारत जैसे कई देशों में रहते हैं: (1) बौद्ध धर्म के संस्थापक थे गौतम बुद्ध. इन्हें एशिया का ज्योति पुंज कहा जाता है. (2) गौतम बुद्ध का जन्म 563 ई. पूर्व के बीच शाक्य गणराज्य की तत्कालीन राजधानी कपिलवस्तु के निकट लुंबिनी, नेपाल में हुआ था. (3) इनके पिता शुद्धोधन शाक्य गण के मुखिया थे. (4) सिद्धार्थ के जन्म के सात दिन बाद ही उनकी मां...

दूध और पानी ,Hindi Story For Kid's (हिंदी कहानी) Hindi Short Story For Kid's

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हिंदी कहानी, मजेदार हिंदी कहानी,हिंदी कहानी मजेदार हिंदी कहानी हिंदी कहानी,हिंदी कहानी बुक हिंदी कहानी संग्रह,Hindi Story For Kid's हिंदी कहानी लेखन, Hindi Short story हिंदी कहानी फॉर किड्स,Hindi Story कहानी-दूध और पानी सीतापुर गांव में एक बुढ़िया रहती थी। वह पास के शहर में दूध बेचने जाया करती थी। वह बड़ी लालची थी। दूध में आधा पानी मिला दी थी। पानी मिलाकर दूध बेचकर उसने बहुत धन इकठ्ठा कर लिया था। शहर के रास्ते में एक तालाब पड़ता था।  लौटते समय बुढ़िया उसमें नया कर दी थी नहाते समय वह अपने रुपयों की थैली को कपड़े से ढककर तालाब के किनारे रख देती थी एक दिन जब वो नहाया करती थी। नहाते समय वह अपने रुपयों की थैली को कपड़े से ढककर तालाब के किनारे रख देती थी। एक दिन जब वह नहाने के लिए तालाब में घुसी, तो अचानक एक बंदर वहां  आ पहुंचा। वह रुपयों की थैली लेकर पास के पेड़ पर चढ़ गया। बंदर थैली में से रुपए निकाल_निकाल कर तालाब में फेंकने लगा। बंदर का हाथ छोटा होने से कुछ रुपए पेड़ के नीचे गिर और बाकी रुपए तालाब में डूब गये। यह सब देखकर बुढ़िया रोने चिल्लाने लगी इतने में से ए...

Motivational Short Story In Hindi, Inspiring Story In Hindi, Motivational Story

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Motivational Story In Hindi – एक व्यापारी व्यापर करने के लिए एक शहर से दूसरे शहर जाता था बिच में रेगिस्तान का कुछ इलाका पड़ता था। वह आदमी एक Negative सोच वाला इंसान था हमेशा शिकायत करता रहता था की मेरे पास ये नहीं है वो नहीं है इसकी कमी है उसकी कमी है। एक दिन वह रेगिस्तान में से गुजर रहा था तभी उसकी पानी की बोतल खाली हो जाती है उसे बड़ी जोर की प्यास लगती है लेकिन रेगिस्तान में पानी ना मिलने की वजह से उसे बहुत गुस्सा आता है और बोलता है की कितना ख़राब जगह है ना कोई पेड़ ना पानी रास्ता भी लम्बा है रेगिस्तान पार करना पड़ता है। तभी आसमान की तरफ देख करके कहता है की भगवान ये कैसा जगह बना दी है आप ने। अगर मेरे पास में बहुत सारा पानी होता बहुत सारे संसाधन होते तो इस जगह पर हरियाली कर देता बहुत सारा पेड़ लगा देता। वह आदमी ऊपर देखकर ये सब बाते कह रहा होता है और ऐसा लग रहा था की जैसे ऊपर वाले से जवाब का प्रतीक्षा कर रहा हो की भगवान कुछ कह दे। अब चमत्कार ये हुआ की वह जैसे ही निचे देखा उसे अपने आँखों के सामने एक कुआ दिखाई दिया वह पूरी तरह से घबड़ा गया क्योकि उसने कभी भी उस रेगिस्तान में कुआ नही...

Hindi Shayari, हिंदी शायरी

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जलते जेठ का महीना चुरा लिया है। धूप ने जिस्म से पसीना चुरा लिया है।। रख के पत्थर को अपने सिर पे उसने- छाती के भीतर से सीना चुरा लिया है। धूल धूसर हो गये हैं लिबास भी उसके- और थकन ने खाना-पीना चुरा लिया है। फिर भी यूँ मुस्कुरा कर के जीती है वो- कि उसने इल्म-ए-जीना चुरा लिया है।

हिंदी शायरी,Hindi Quotes

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रिश्ता बनाना बड़ी बात नहीं है, रिश्ता बनाए रखना बड़ी बात है..!

Hindi Kavita,Hindi poem

शीर्षक: मैं भी जीना चाहता हूं। मैं भी जीना चाहता हूं, इन पंछियों की तरह | ना गरीबी का भय होता ना अमीरी का घमंड होता, ना कोई अपना होता, ना कोई पराया होता। मैं भी जीना चाहता हूं, इन पंछियों की तरह। ना धन की चिंता होती, ना नौकरी की चिंता होती, ना घर - महल की चिंता होती, ना सीमा की रेखा होती। ना वर्तमान की चिंता होती, ना भविष्य की चिंता होती, और ना ही जाति-धर्म की पाबंदी होती । मैं भी जीना चाहता हूं, इन पंछियों की तरह | ना रंग-रूप का गुरूर होता, ना सजना-संवरना होता, ना आज-कल की चिंता होती, ना मिलने बिछड़े की चिंता होती। मैं भी जीना चाहता हूं, इन  पंछियों की तरह । प्रभु कुशवाहा ✍🏻

हिंदी शायरी

यदि आपके जीवन में कोई इंसान है, तो वह आपके व्यवहार की वजह से है, यदि कोई इंसान आपके जीवन में नहीं है, तो वह भी आपके व्यवहार की वजह से है।