✅Happy Mother's Day 2023,Hindi Poetry Latest, Latest Mother's Day poetry। Mother's Day Special हैप्पी मदर्स डे🔷 कुछ भी कहो, मां, मां होती है। दुःख, दर्द, भूख,प्यास सब सह लेती है, अपने बच्चों को दुःख की, हवा भी नहीं छूने देती है, जो अधेरे को रौशनी में बदल देती हैं, ख़ुद चलती हैं धूप में, हमें आंचल से ढक देती हैं। कुछ भी कहो , मां, मां होती है। गमों को खुशियों में बदल देती है, हमें ना लगे किसी की नज़र, और टल जाए सभी बला, हाथों में कला धागा और, माथे पर काला टीका लगा देती हैं। जिसकी सुबह सबके जगने से पहले, और रात सबके सोने के बात होती है। कुछ भी कहो, मां, मां होती है। जब आता हो बुखार हमें, सारी रात पानी की पट्टी बदलती है, हम सो सके अच्छे से, वह सारी रात जगती है। कुछ भी कहो, मां, मां होती है। सबको खाना खिलाने के बाद, तब वह खाना खाती है, मेरी मां उतनी पढ़ी नहीं है, मांगता हूं एक रोटी तो, वह दो रोटी देती हैं। कुछ भी कहो, मां,मां होती है। अगर ईश्वर उतर आए जमीन पर, और पूछे हम से कि, मांग तू क्या मांगता है? मेरा जवाब होगा, एक जन्म, ना दो जन्म, हर जन्म में यहीं गोद चाहि...
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