Childhood memories (बचपन की यादें) writer Prabhu

कितना अच्छा था, जब मैं बच्चा था,
ना नौकरी की चिंता थी, ना पैसों ज़रूरत था,
ना धूप पसीना , ना भूख प्यास  का फिक्र था।
 कितना अच्छा था, जब मैं बच्चा था।

पिता के कंधे पर चढ़ कर, मेला घुमा करता था,
मां की आंचल में शिर रख कर सोया करता था
कितना अच्छा था, जब मैं बच्चा था।





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